किन्नर से प्यार भाग - 19




कहानी _ **किन्नर का प्यार **

भाग _ 19

लेखक _ श्याम कुंवर भारती 

 सुनंदा को बेहोशी की हालत में महिला पुलिस कर्मियों ने बड़े आराम से एक जिप में लेकर बैठ गई।एस पी साहब ने कहा इसे तुरंत इलाज हेतु सरकारी अस्पताल में ले जाकर भर्ती करो।जल्दी करो।
पुष्पा किन्नर और उसके साथियों को उन्होंने हवालात में जाकर । बुला लो और सबको बता दो उनकी बेटी बरामद कर ली गई है।
उन्होंने आगे कहा तुरंत सभी मीडिया को उस क्षेत्र के थाना में बुलाओ मुझे अभी प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी है ताकि सबको सुनंदा के बरामद होने की जानकारी मिल जाए।
वर्ना पता नही और कितने धरना प्रदर्शन कर के लोग इस मामले को तूल दे देंगे ।फिर हजारों सवालों का जवाब देना पड़ेगा।
जैसे ही सुनंदा के पिता को पुलिस द्वारा अपनी बेटी के मिलने की खबर मिली उनका चेहरा खुशी से चमक ऊठा ।उनकी आंखो से आंसू छलक पड़े ।उन्होंने अपनी पत्नी से कहा _ हमारी बेटी मिल गई है।लेकिन वो बेहोशी की हालत में मिली है।इसलिए उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।जल्दी चलो ।
ममता देवी अपनी बेटी के मिलने की खुशी को बर्दास्त नही कर पाई और रोने लगी ।उसने तुरंत राखी को फोन कर सुनंदा के मिलने की खबर देकर तुरंत अस्पताल आने को कहा।
खबर सुनकर राखी बहुत खुश हुई।
उसने तुरंत प्रवेश पांडेय और बबिता को जानकारी देकर उन्हें भी अस्पताल आने कहा ।
और तुरंत तैयार होकर अपनी स्कूटी निकालकर किक मारी और निकल गई।
थाना में तमाम मीडिया कर्मी उपस्थित थे। एसपी साहब और उनके साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सामने बैठे हुए थे ।
एस पी ने बोलना शुरू किया और कहा आप लोगो को जानकर खुशी होगी की पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए अपनी खुफिया सूचना के आधार पर अबसे थोड़ी देर पहले पुष्पा के गुप्त ठिकाने पर छापा मारकर उसे और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया है।साथ में अपहृत लड़की सुनंदा भी बरामद कर ली गई है।लेकिन उसे बहोशी की हालत में पाया गया है।इसलिए उसे सरकारी अस्पताल में इलाज हेतु भरी किया गया है। आप लोग चाहे तो मेरी बातो की पुष्टि कर सकते है।
भागने के फिराक में कुछ किन्नर घायल हुए है उन्हे भी अस्पताल में बंदी बनाकर भर्ती किया गया है इलाज हेतु।
पुष्पा और उसके साथियों को आज रात पुलिस हिरासत में रखा जाएगा।कल सिटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर जेल भेज दिया जाएगा।फिर उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा चलाया जाएगा।उन्हे कड़ी से कड़ी साजा मिले पुलिस पूरी कोशिश करेगी।
अस्पताल में सुनंदा बेहोशी की हालत में बेड पर पड़ी हुई थी सीनियर डॉक्टरों की टीम और मेडिकल स्टॉफ उसके इलाज में पूरी तत्परता से लगे हुए थे।तभी वहा पत्रकारों की टीम पहुंच कर न्यूज़ कवर करने लगी।
एक पत्रकार ने डॉक्टर से पुछा ये लड़की बेहोस क्यों है डॉक्टर साहब ।
अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।हम लोग इसका,मेडिकल जांच कर रहे हैं।सटीक जवाब तो मेडिकल रिर्पोट आने के बाद ही बता सकते हैं।लेकिन अनुमान है जिस तरह इसका पेट सटा हुआ है लगता है इसने कई दिनों से कुछ खाया पिया नही होगा।
इसे कोई नसिली दवा दी गई है जिससे ये बेहोश हो गई है ।
हमारी पूरी टीम उसे होश में लाने की कोशिश कर रही है।
दूसरे पत्रकार ने पूछा _ इसे कब तक होश आएगा ताकि हमलोग इसकी आप बीती रिकार्ड कर सकते।
अभी तो कुछ कह नहीं सकते हैं।क्योंकि दवा कितनी प्रभावशाली दी है ये जांच के बाद ही पता चलेगा ।लेकिन हमलोग इसे सुबह तक जरूर होश में लायेगे।
इसे दवा का एंटी डोज और अन्य ताकत की दवा के साथ ग्लूकोज सैइलाईन भी चढ़ाया जा रहा है।

न्यूज को टीवी पर लाइव देख रही थी राहुल की मां ।पहली बार तो उसे सुनंदा का ऐसा हाल देखकर बहुत दुख हुआ लेकिन उसके धोखे पर उसे उससे बड़ी नफरत हुई।
उसने तुरंत फोन कर राहुल के उस न्यूज के बारे में बताया और कहा _ तुम इसे अपने मोबाइल पर देख सकते हो।
अपनी मां की बात सुनकर राहुल चौंक गया ।उसने तुरंत अपने मोबाइल में सुनंदा का न्यूज लगा दिया ।से देखकर उसका कलेजा मुंह को आ गया।उसके दिल पर बहुत जोर का धक्का लगा ।अपनी दोस्त सुनंदा का ऐसा हाल देखकर उससे रहा नही गया और उसके दिल का गुबार आंसू बनकर उसकी आंखो से छलक पड़े।
नीलम ने उसका ऐसा हाल देखा तो नाक मुंह सिकोड़ कर बोली एक धोखे बाज लड़की के लिए तुम रो रहे हो राहुल ।
मैने तुमसे पहले भी कहा था तुम उसे भूल जाओ ।भला प्यार में कोई अपनी सच्चाई छिपाता है।लेकिन इस लड़की ने तुमसे अपनी सच्चाई छिपाई।
इसी बात का तो मुझे दुख है लेकिन मैंने उससे दिल से प्यार किया है । उसे इस हाल में मैं नही देख सकता ।राहुल ने अपनी आंखो से बह रहे आंसुओ को पोंछते हुए कहा ।
 नीलम ने नाराज होकर उसका मोबाइल बंद कर दिया और उसे अपनी बांहों में भर लिया और कहा अब तुम केवल मेरे बारे में सोचो ।मैं हूं न तुम्हारे साथ ।
लेकिन राहुल खुद को उसकी पकड़ से छुड़ाकर बाहर निकल गया ।उसकी समझ में नही आ रहा था वो क्या करे क्या न करे।

हालात उसे सुनंदा से दूर रहने को कह रहे थे लेकिन दिल बार बार उसी को चाह रहा था। आंसू थे की उसकी आंखो से रुकने का नाम नही ले रहे थे।
उसका दिल दर्द से फटा जा रहा था।
दिल में मची हलचल के वो संभाल नही पा रहा था।
अस्पताल में पहुंचते ही अपनी बेटी का हाल देखकर उसकी मां रोने लगी ।वो उसके गालों और बालो को सहलाने लगी ।उसके पिता भी अपनी गीली आंखो से देखकर रहे थे।
राखी उसके बेड पर उसकी बगल में बैठ कर उसके हाथो को अपने हाथो मे लेकर दुखी मन से उसे निहारे जा रही थी।
प्रवेश भी अपने पिता के साथ वहा पहुंच गया था ।सुनंदा को देख कर उसका दिल बैठने लगा था । कितनी मासूम और प्यारी लड़की है । दुष्ट पुष्पा ने क्या हाल कर दिया है उसने ।
उसने अपने पापा से कहा _ पापा इस पुष्पा को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाना।
उसके पिता ने धीरे से कहा अपने दिल पर काबू रखो बेटा ।जैसा तुम चाहते हो वैसा ही होगा ।
तभी बबिता किन्नर भी अपने दल बल के साथ पहुंच गई ।सुनंदा को देखते ही उसने दुखी मन से कहा _ हाय राम देखो तो उस निगोडी पुष्पा ने मेरी फूल जैसी बेटी का क्या हाल कर दिया है।मैं उसको छोडूंगी नही ।उसका मुंह नोच लूंगी ।
राखी ने उसे समझाकर शांत किया और कहा मौसी अब उसे पुलिस देख लेगी तुम चिंता मत करो।
अभी हमलोगो को सुनंदा का ध्यान रखना है।
भगवान से प्रार्थना करनी है इसको जल्दी होश आ जाए।
रात में सुनंदा की मां और राखी उसके साथ अस्पताल में रह गए ।
प्रवेश के पिता ने डॉक्टर से कहा _ उसके इलाज में कोई कमी न होने पाएं डॉक्टर साहब। किसी चीज की जरूरत हो मुझे जरूर बताना ।फिर वे अपने बेटे के साथ चले गए।
बबिता भी चली गई।
सुबह सुनंदा को होश आ गया।अपनी मां को देखते ही वो रोने लगी ।उसकी मां भी रोनेh लगी। राखी उसके गले मिलकर बोली भगवान की कृपा से तुम मिल गई सखी वरना हमलोगो की तो जान ही निकल रही थी।
फिर पुलिस ने आकर उसका बयान लिया।उसके बाद पत्रकारों ने आकर उससे पूछताछ किया।
उसने सबको अपने साथ बीती घटना बता दिया।
तीसरे दिन सुनंदा अपने घर आ गई ।
लेकिन उसके मोहल्ले में उसके रहने का विरोध होने लगा।एक किन्नर के मोहल्ले में रहने से मोहल्ले का माहौल खराब होगा ।ऐसी चर्चा चल रही थी।
किसी तरह राखी और प्रवेश ने आकर मोहल्ले वालों को समझा बुझाकर शांत किया लेकिन अंदर ही अंदर खुसुर फुसर हो ही रही थी ।
एक सप्ताह बाद जैसे ही वो कॉलेज गई कुछ छात्रों ने उसका विरोध करना शुरू किया।एक किन्नर हमारे कॉलेज में पढ़ाई नही कर सकती ।वो रोती हुई अपने घर आ गई ।

शेष अगले भाग _ 20 में 

लेखक _ श्याम कुंवर भारती
बोकारो ,झारखंड,मो.9955509286

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1 Comments

Mohammed urooj khan

04-Nov-2023 12:47 PM

👍👍👍👍

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